19 मार्च 2025: अमेरिका में ब्याज दरें यथावत — क्रिप्टो मार्केट के लिए इसका क्या मतलब है?

19 मार्च 2025 को अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Fed) ने अपनी मौद्रिक नीति की ब्याज दर को यथावत बनाए रखने का निर्णय लिया। यह लगातार दूसरी बार हुआ है जब दरों में कटौती की उम्मीदों के बावजूद कोई बदलाव नहीं किया गया।

लेकिन क्रिप्टो मार्केट दरों में कटौती को क्यों पसंद करता है? और इस फैसले का इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ेगा? आइए गहराई से समझते हैं।

Fed ने ब्याज दरें स्थिर क्यों रखीं?

Fed का यह फैसला महंगाई के बने रहने और अर्थव्यवस्था के “ओवरहीट” होने की चिंताओं पर आधारित है। भले ही पिछले साल से कई निवेशक दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन फेड ने अब तक सतर्क रुख अपनाया है और इसे “अभी जल्दबाज़ी” मानते हुए कोई बदलाव नहीं किया।

कम ब्याज दरें आम तौर पर कंपनियों और उपभोक्ताओं के लिए उधार लेना सस्ता बनाती हैं, जिससे निवेश बढ़ता है। यही कारण है कि शेयर बाजार और क्रिप्टो बाजार दोनों ही कम दरों से फायदा उठाते हैं। इसके विपरीत, जब दरें ऊंची बनी रहती हैं, तो क्रिप्टो जैसी जोखिमभरी संपत्तियों में पूंजी का प्रवाह धीमा हो सकता है।

क्रिप्टो मार्केट पर असर

बाजार की प्रतिक्रिया: बिटकॉइन और अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी

फेड के फैसले के बाद क्रिप्टो मार्केट में थोड़े समय के लिए उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। खासकर बिटकॉइन (BTC) और एथेरियम (ETH) जैसे लीडिंग एसेट्स फेड की नीतियों के प्रति संवेदनशील रहते हैं, और अनिश्चितता के माहौल में इनके दामों में अस्थायी गिरावट आ सकती है।

हालांकि, अगर निवेशकों ने पहले से ही दरों के स्थिर रहने की संभावना को “प्राइस इन” कर लिया हो, तो इसका प्रभाव सीमित रह सकता है। ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि दरों में कटौती के करीब आते ही क्रिप्टो मार्केट में तेजी आने लगती है, इसलिए आगे की कीमतें फेड की अगली रणनीति पर निर्भर कर सकती हैं।

क्रिप्टो मार्केट दरों में कटौती को क्यों पसंद करता है?

इसका कारण सरल है: कम ब्याज दरों पर जोखिमभरी संपत्तियों में निवेश बढ़ता है।

उच्च ब्याज दरें → पूंजी सुरक्षित साधनों (जैसे बॉन्ड, सेविंग्स) में जाती है → क्रिप्टो में तरलता घटती है

कम ब्याज दरें → रिस्क एसेट्स में निवेश बढ़ता है → BTC और altcoins की मांग बढ़ती है

2020 के COVID-19 संकट के दौरान ज़ीरो इंटरेस्ट पॉलिसी और ढील के चलते बिटकॉइन ने रिकॉर्ड हाई तक की रैली की थी। यही वजह है कि बहुत से निवेशकों का मानना है कि दरों में कटौती से एक बार फिर क्रिप्टो मार्केट को समर्थन मिलेगा।

अब क्रिप्टो मार्केट के लिए आगे क्या?

सभी की निगाहें अगली FOMC मीटिंग पर

अब मुख्य सवाल यह है कि क्या फेड अपनी अगली FOMC (Federal Open Market Committee) मीटिंग में दरों में कटौती का संकेत देगा।

अगर फेड संकेत देता है कि वह इस साल बाद में कटौती पर विचार कर सकता है, तो बाजार “रिस्क-ऑन” मूड में आ सकता है, जिससे क्रिप्टो में खरीदारी तेज़ होगी।

लेकिन अगर फेड यह दोहराता है कि वह दरें लंबे समय तक स्थिर रखेगा, तो निकट भविष्य में क्रिप्टो मार्केट सुस्त रह सकता है।

संस्थागत निवेशकों की भूमिका और पारंपरिक बाजारों से बढ़ता संबंध

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो में संस्थागत निवेश की भागीदारी बढ़ी है। खासकर बिटकॉइन ETF जैसे प्रोडक्ट्स के आने से क्रिप्टो और पारंपरिक वित्तीय बाजारों के बीच जुड़ाव बढ़ा है। इसका मतलब है कि अब क्रिप्टो भी फेड की नीति और शेयर बाजार के मूवमेंट्स के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो गया है।

जैसे-जैसे संस्थागत अपनाने का दायरा बढ़ेगा, क्रिप्टो का प्रतिक्रिया देना मैक्रो इकोनॉमिक इवेंट्स पर और भी तेज़ हो सकता है।

फेड का यह फैसला कि दरें अभी स्थिर रहेंगी, क्रिप्टो मार्केट के लिए थोड़ी बाधा बन सकता है। लेकिन चूंकि यह निर्णय पहले से अनुमानित था, इसलिए बड़े झटके की संभावना कम है।

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि फेड दरों में कटौती की दिशा में कब बढ़ेगा। अगर साल के अंत तक इस तरह का कोई संकेत मिलता है, तो क्रिप्टो फिर से एक तेज़ बुल रन में जा सकता है। लेकिन यदि कटौती में और देरी होती है, तो अनिश्चितता बनी रह सकती है।

आखिरकार, क्रिप्टो की दुनिया में समझदारी से कदम रखना और लंबी अवधि की सोच बनाए रखना ही सबसे सफल रणनीति है।